करवा चौथ व्रत पूजा एवं विधि
त्योहारों का मौसम यूँ तो रक्षा बंधन के पर्व के साथ ही प्रारम्भ हो गया है| अब समय हो चला है साल के उस पर्व का जब समस्त भारतवर्ष की सुहागने अपने सुहाग के लिए करवा चौथ का व्रत उनकी दीर्घायु हेतु रखती है| प्रति वर्ष, नव विवाहित महिलाए काफ़ी उत्साह से इस पर्व को मनाती हैं| अक्सर, पहला करवा चौथ सभी जोड़िओ के लिए एक नई उमंग का संदेशा होता है| आज के समय में ना केवल विवाहित महिलाए अपितु विवाहित पुरुष भी इस व्रत को रखते हैं| इस हिन्दू रीती की शान बनाए रखने के लिए यह भी काफी आवश्यक है की हम इस पर्व को सही विधियों के अनुसार करें|
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अगर यह आपका पहला करवा चौथ है तब, इस ब्लॉग मे आप करवा चौथ सम्बन्धी सभी रीती-रीवाजो के बारे मे विस्तार से जानेंगे| आइये जानते है क्या विधि-विधान है जो अति आवश्यक है इस व्रत के प्रारम्भ से ही|

- सूर्योदय होने से पहले, स्नान कर लेना अति-आवश्यक है।
- स्नान करने के बाद, सास द्वारा दी गए सरगी को ग्रहण कर व्रत रखने का संकल्प लें।
- पूजा हेतु, समस्त शिव-पारवती परिवार एवं श्री कृष्ण की मूर्ति की स्तापना करें।
- पूजा के शुरुवात में गणेश जी को फूल एवं फल अर्पण करें|
- तत्पश्चात, शिवजी एवं पार्वती जी को बेलपत्र एवं श्रृंगार का सामान अर्पण करें।
- श्री कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
- सभी स्थापित देवी-देवताओं के सामने घी का दीपक एवं मोगरे की अगरबत्ती जलाएं।
- देवी-देवताओं की पूजा के बाद, करवा चौथ व्रत की कथा पढ़, इस व्रत का सम्पूर्ण उद्धार ले।
- एक मिटटी का करवा ले और उस पर रोली से स्वस्तिक बनाएं।
- रखे हुए करवे में गुलाब जल, दूध अवं सामान्य जल मिलाकर एक तरफ रख दे अर्थात रात में चंद्रमाँ निकलने पर उनको इसी जल से अर्ध्य दें |
- इस दिन करवा चौथ की कथा कहनी या फिर जरूर सुननी चाहिए।
- पूजन के बाद, घर के सभी बड़ों के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें।
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पति की दीर्घायु की कामना कर पढ़ें यह मंत्र : -
'नमस्त्यै शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभा। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे।'
करवे पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। कथा सुनने के बाद करवे पर हाथ घुमाकर अपनी सासुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। 13 दाने गेहूं के और पानी का लोटा या टोंटीदार करवा अलग रख लें।
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विशेष:चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें। उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन कर लें। पूजन के पश्चात आस-पड़ोस की महिलाओं को करवा चौथ की बधाई देकर पर्व को संपन्न करें।
आशा करते है की आपने ऊपर दी गई सभी बातों को ध्यानपूर्वक पढ़ा होगा| अर्थात इन सब रीती-रिवाजों के पश्चात् एक रीती यह भी कहती है की इस दिन पति अपनी पत्नी के लिए उपहार भी लाते हैं| यूँ तो उपहार क्या हो इस बात का जिक्र कहीं नहीं है परन्तु उपहार दिल से दिआ गया हो, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है| एवं अगर आप भी इसी सोच मे है की इस वर्ष आप आपनी पत्नी हेतु क्या उपहार ले, तो घबराइए नहीं; फ्लोवेराउरा की वेबसाइट पर शीघ्र ही जाए और "गिफ्ट्स फॉर वाइफ" सर्च करें| वहां आप अपनी पत्नी के लिए बेशुमार किस्म के उपहार पाएंगे |
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तो आइये और जुड़िये प्यार के पवित्र बंधन मे और इस करवा चौथ, सिर्फ व्रत नहीं रखिये, अपितु अपनी जीवन संगिनी और जीवन साथी को तोहफों से लबरेज कीजिये!